ऐसे ही बस कोई कहीं, हो फुर्सत में वो तभी सही! ऐसे ही बस कोई कहीं, हो फुर्सत में वो तभी सही!
समझदार न बन जाना तुम, प्रेम-प्रफुल्ल मन से विनीत स्वभाव अपनाना तुम। समझदार न बन जाना तुम, प्रेम-प्रफुल्ल मन से विनीत स्वभाव अपनाना तुम।
ना द्वेष,ना कलेश ना कोई अभिमान जहां हर नारी को साथ लेकर निर्मित करूं नया संसार। ना द्वेष,ना कलेश ना कोई अभिमान जहां हर नारी को साथ लेकर निर्मित करूं नया संस...